मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे बनवाएं | सॉइल हेल्थ कार्ड योजना 2021 क्या है?
Soil Health Card Scheme 2021 in Hindi (मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना) : मृदा यानी मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी फसल पैदावार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। आज-कल किसान ज्यादा पैदावार हेतु अपने खेत में भिन्न-भिन्न प्रकार के रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे हैं, जिससे मृदा की उर्वरक क्षमता घटती जा रही है। मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने हेतु किसान बिना सोचे समझे मिट्टी में नाइट्रोजन डालते जाते हैं जो कि काफी नुकसानदायक है। किसान मृदा को सही पोषक तत्व दे इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को प्रारंभ किया गया। सॉइल हेल्थ कार्ड योजना क्या है, मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे बनवाएं, इस योजना से जुड़कर किसानों को क्या-क्या लाभ होते हैं? यह सवाल हर किसान के मन में आते हैं। आइए इस आर्टिकल में Mrida Swasthya Card से जुड़ी विस्तृत जानकारी जानते हैं।
Soil Health Card in Hindi
योजना का नाम | मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना / Soil Health Management Scheme |
योजना का प्रकार | केंद्रीय योजना |
योजना की शुरुआत | 19 फरवरी, 2015 |
लाभ | किसानों को मृदा के पोषक तत्वों में आई कमी की जानकारी देना |
लाभार्थी | सभी वर्ग के किसान |
अधिकारिक वेबसाइट (Official website) | soilhealth.dac.gov.in |
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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या?
What is Soil Health Management Scheme: केंद्र सरकार द्वारा 19 फरवरी, 2015 को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को प्रारंभ किया गया था। राजस्थान के जिले श्रीगंगानगर से राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड योजना शुरू की गई थी। योजना को शुरू करने के साथ ही इसकी थीम भी तय की गई थी। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की थीम ‘स्वस्थ धरा, खेत हरा’ है। किसानों के खेत की मृदा में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी आयी है, इसकी जांच कर एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाता है। यह रिपोर्ट कार्ड किसान को दिया जाता है, जिसके अनुसार किसान अपनी मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने हेतु सही खाद उचित मात्रा में इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। इससे उसे खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता सुधार जाती है, जोकि उसकी फसल पैदावार के लिहाज से काफी अच्छा है। इस मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी के पोषक से सम्बंधित हर जानकारी रहती है।
Mrida Swasthya Card Yojana का उद्देश्य
कृषि करते-करते धीरे-धीरे खेतों की मृदा के पोषक तत्वों में कमी आने लगती है, जिसका असर फसल पैदावार में कमी के रूप में दिखाई देता है। जानकारी के आभाव में किसान मृदा की उर्वरकता बढ़ाने हेतु अत्यधिक मात्रा में नाइट्रोजन का उपयोग करते हैं, जोकि फसलों की उच्च गुणवत्ता हेतु हानिकारक है। साथ ही इसके उपयोग से वातावरण को भी नुकसान पहुँचता है। कृषि योग्य भूमि की मृदा से पोषक तत्त्वों की कमी को दूर करने और प्रदुषण को रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने इस योजना को शुरू किया था। कृषि विज्ञान विषय से जुड़े छात्रों को मृदा परीक्षण हेतु प्रशिक्षित (scheme to set up soil testing lab under soil health card) किया जाता है। साथ ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोलकर युवा अपने रोजगार की शुरुआत कर सकते हैं।
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना का लाभ
- योजना के अंतर्गत जारी कार्ड के माध्यम से किसान यह जान सकता है कि उसके खेत की मृदा में कौन-कौन से पौषक तत्वों की कमी है।
- कार्ड के अनुसार वह अपनी मृदा के पौषक तत्वों की कमी को आसानी से दूर कर सकता है।
- सभी किसानों के लिए हर 3 वर्ष में मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है।
- स्वास्थ्य मिट्टी होने से किसानों की फसल पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है, जिससे उनकी आय में भी इजाफा होगा।
- ग्रामीण युवा अपने क्षेत्र में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थपित कर अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं।
- यदि ग्रामीण युवा 5 लाख के बजट के साथ मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोलता है तो 75% राशि का वहन केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
- हर 2 वर्ष में राज्य सरकार मृदा में आये पोषक तत्वों की पहचान कर उनमें सुधार करने में किसान की सहायता करती है।
- जिन किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल रहा है वे नीचे दी प्रक्रिया का पालन कर इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- इच्छुक किसान को सबसे पहले मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की अधिकारिक वेबसाईट पर जाना होगा।
- अधिकारिक वेबसाईट के होम पेज पर लॉग इन (Log in) विकल्प पर क्लिक करें।
- यहां आपको अपने राज्य का चयन करने का विकल्प दिखाई देगा।
- इसके बाद Continue बटन को दबाएं, यहां आपको New Registration का विकल्प दिखाई देगा, इस पर क्लिक करें।
- अब आपकी स्क्रीन पर आवेदन हेतु रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, जिसे सावधानीपूर्वक भरें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के पश्चात् सबमिट बटन को दबाएं, अब आप इस पोर्टल पर यूजर नेम और पासवर्ड की मदद से लॉग इन कर सकते हैं।
- इस प्रक्रिया का पालन कर आप मृदा स्वास्थय कार्ड हेतु रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे काम करता है?
- योजना के अंतर्गत अधिकारी किसान के खेतों से मिट्टी का नमूना एकत्रित करते हैं।
- मृदा परिक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच की जाती है।
- मृदा सम्बंधित समस्त जानकारी जैसे उसकी कमियां और खूबी को विशेषज्ञ रिपोर्ट कार्ड में दर्ज करते हैं। इससे मिट्टी की कमियों को दूर करने हेतु किसान को मदद मिल जाती है।
- रिपोर्ट कार्ड को तैयार कर किसान के पास पहुंचा दिया जाता है। यह जानकारी ऑनलाइन अपलोड होती है, जिससे की रिपोर्ट कार्ड किसान के पास बेहद ही कम समय में पहुंच जाता है।
Soil Health Card Download / Print
- यदि आप सफलतापूर्वक मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए आवेदन कर चुके हैं और अधिकारीयों द्वारा आपके खेत की मिट्टी का सेम्पल या नमूना लिया जा चुका है तो आप अपना Soil Health Card Download कर सकते हैं।
- सर्वप्रथम आपको अधिकारिक वेबसाईट पर जाकर Former’s Corner के अंतर्गत Print Your Soil Health Card विकल्प पर जाना होगा।
- अगला पेज खुलने का इंतजार करें, पेज खुलने के बाद अपने राज्य का चयन करें।
- आपके सामने एक फ्रॉम खुलेगा, इसमें पूछी गई सभी जानकारी को दर्ज करें।
- सर्च बटन पर क्लिक करें, जिसके बाद आप अपने Soil Health Card को Download पर Print कर पाएंगे।
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना सम्बंधित महत्वपूर्ण आंकड़े
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के पहले चरण वर्ष 2015 से 2017 तक चला था। इन दो वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा 10.74 करोड़ कार्ड किसानों को बांटे गए थे।
- योजना का दूसरा चरण वर्ष 2017 से 2019 तक चला था। इस दौरान सरकार ने 11.69 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिए थे।
- योजना की गुणवत्ता जांचने हेतु राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) एक अध्ययन किया था, जिसमें इसकी सकरात्मता दिखाई दी थी। रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करीब 8 से 10% गिर गया था। वहीँ फसल पैदवार में भी वृद्धि हुई थी, अध्ययन के अनुसार पैदवार में 5-6% का इजाफा हुआ था।
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