वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना क्या है? हरियाणा सरकार फ्री में लगाएगी बोरवेल, आवेदन शुरू
Haryana Water Recharge Borewel Yojana: सिर्फ किसान ही समझ सकता है की खेती करते समय उसे किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पानी ना गिरे तो किसान परेशान हो जाता है और पानी ज्यादा गिर जाए तब भी किसान की चिंता बनी रहती है। एक तरफ जहां फसल को पानी ना मिलने से सूखा पड़ जाता है, तो वहीँ ज्यादा पानी गिर जाने से खेतों में जलभराव हो जाता है। जिससे किसानों की फसल गल जाती है। किसानों की समस्या को समझते हुए हरियाणा सरकार ने वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना को शुरू किया है। इससे किसानों के खेतों का पानी निकाला जाएगा। इसके लिए किसान को एक भी रुपए खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। आइए हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई वाटर रिचार्ज योजना से जुड़ी जानकारी जैसे लाभ, उद्देश्य, आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानते हैं।
हरियाणा वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना क्या है?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मानसून के समय अत्यधिक पानी बरसने से किसानों के खेतों में जलभराव हो जाता है। ऐसे में किसानों की फसल सड़-गल जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना को शुरू किया है। योजना की मदद राज्य सरकार किसानों के खेतों में वाटर रिचार्ज बोरवेल लगाएगी। इसके लिए किसान को किसी भी प्रकार का खर्च नहीं करना होगा।
खेतों में फ्री बोरवेल (Haryana Free Borwell Yojana) लगाए जाएंगे। किसानों के खेत का पानी वाटर रिचार्ज बोरवेल में एकत्रित किया जाएगा। इससे किसानों को जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही भूमि का जल स्तर भी बढ़ेगा। वर्ष 2023 में हरियाणा सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए योजना को शुरू किया था। सिंचाई विभाग की ओर से स्कीम फॉर इंप्रूवमेंट ऑफ ग्राउंड लेवल बाई रिचार्ज बोरवेल योजना के तहत बोरवेल लगाने का कार्य किया जाएगा।
Haryana Water Recharge Borewel Yojana– उद्देश्य
बरसात के समय पानी गिरने से किसानों के खेतों में पानी भरा जाता है। कई दिनों तक खेतों में जलभराव होने की वजह से किसानों की फसल गलने की वजह से बर्बाद हो जाती थी। किसानों की इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना को प्रारंभ किया है। राज्य सरकार की इस योजना से किसानों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही राज्य में भू-जल के स्तर में आ रही कमी को भी इस योजना की मदद से दूर किया जाएगा।
Haryana Water Recharge Borewel Yojana – सरकार को भी होगा फायदा
मानसून में अत्यधिक बारिश होने की वजह से किसानों की फसल गलकर बर्बाद हो जाती थी। जिसकी भरपाई राज्य सरकार को करनी होती थी। फसल बर्बाद होने पर सरकार किसानों को लाखों रुपए देती थी। ऐसे में सरकार ने जलभराव की समस्या को खत्म कर किसान के साथ-साथ अपना भी बहुत बड़ा फायदा किया है। अब जलभराव से नुकसान नहीं होगा तो सरकार को फसल नुकसान के लिए राशि भी नहीं देना होगी। इससे सरकार का अतिरिक्त आर्थिक बोझ बहुत ही कम हो जाएगा।
हरियाणा वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना का लाभ (Benefits)
- राज्य के किसानों को खेतों में जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
- अब किसान की फसल जलभराव की वजह से खराब नहीं होगी।
- राज्य में गिरते जल स्तर को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
- रिचार्ज बोरवेल को आसान प्रक्रिया के द्वारा किसान के खेत में लगाया जाएगा।
- वाटर रिचार्ज बोरवेल लगाने के लिए किसान से किसी भी प्रकार की कोई राशि नहीं ली जाएगी।
- बोरबेल स्थापित करना बिल्कुल फ्री होगा।
- सरकार द्वारा ही पूरा खर्च उठाया जाएगा।
- सिर्फ हरियाणा राज्य के किसानों को ही वाटर रिचार्ज बोरवेल योजना का लाभ दिया जाएगा।
खेत में वाटर रिचार्ज बोरवेल लगवाने हेतु आवश्यक दस्तावेज (Documents)
- एप्लीकेशन फॉर्म
- एक शपथ पत्र
- जमीन का विवरण
- खेत में जलभराव की समस्या हेतु लिखित आवेदन पत्र
- किसान का स्थाई पता हेतु दस्तावेज
- किसान के खेत का पता
Haryana Water Recharge Borewel Yojana Application Form/ Online Apply Details
हरियाणा वाटर रिचार्ज बोरवेल आवेदन प्रक्रिया
खेतों में वाटर रिचार्ज बोरवेल लगाने के लिए हरियाणा सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। अलग-अलग चरणों में आवेदन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। पहले कुछ जिलों में वाटर रिचार्ज बोरवेल स्थापित की जाएगी। इसके बाद अन्य जिलों में इसका काम किया जाएगा। यदि आप भी हरियाणा के मूल निवासी किसान हैं तो किसान विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन (Online Apply) कर सकते हैं। हरियाणा सिंचाई विभाग के आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाकर भी आप आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
आवेदन करने के बाद अधिकारी करेंगे खेत का निरीक्षण
किसान के द्वारा आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी किसान के खेत पर आकर जांच पड़ताल करेंगे। यदि उन्हें सब कुछ अनुकूल लगता है तो किसान के खेत में बोरवेल को स्थापित कर दिया जाएगा। सिंचाई विभाग द्वारा एक बोरवेल स्थापित करने पर ₹400000 तक की राशि खर्च की जाएगी।
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