Guruji Kitchen Yojana Jharkhand: पढ़ें योजना से जुड़े लाभ एवं उद्देश्य

Guruji Kitchen Yojana Jharkhand 2021: भारत तेजी से अपना विकास कर एक मजबूत देश बनता जा रहा है। बड़ी-बड़ी समस्याओं को दरकिनार कर सरकार ने देश का विकास करने के लक्ष्य से कई बदलाव किए। लेकिन भुखमरी अब भी देश को जकड़े हुए है। भुखमरी की वजह से देश में हर वर्ष लाखों गरीब लोगों की जान जाती है, जोकि देश के लिए शर्म की बात है। गरीबों को दो वक्त का खाना मिले इसके लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चलाती हैं, लेकिन कई गरीबों तक इनका लाभ नहीं पहुँच पाता। कोई गरीब भूखा न सोए इसके लिए राज्य सरकार भी सरकारी योजनाएं चलाती हैं। झारखंड सरकार ने अपने राज्य के गरीबों का पेट भरने हेतु गुरूजी किचन योजना का ऐलान किया है। सरकार की कोशिश हैं कि इस योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा गरीब नागरिक लें।

Jharkhand Guruji Kitchen Yojana Detail

योजना का नामगुरूजी किचन योजना
राज्यझारखंड
शुरुआत2021
लाभमात्र 5/- रुपए में भरपेट भोजन
लाभार्थी गरीब श्रमिक
अधिकारिक वेबसाइट (Official website)

गुरूजी किचन योजना की जानकारी (Guruji Kitchen Yojana 2021)

राज्य के बजट 2021-22 के दौरान झारखंड गुरूजी किचन योजना को प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा इस स्कीम को शुरू करने का ऐलान किया गया था। योजना के माध्यम से गरीबों को मात्र 5 रुपए में भर पेट भोजन दिया जाएगा। राज्य में गरीबों का पेट भरने हेतु पहले से मुख्यमंत्री दाल भात योजना (Mukhyamantri Dal Bhat Yojana Jharkhand) चलाई जा रही है। बाद में इस योजना का नाम बदलकर इसे मुख्यमंत्री कैंटीन योजना कर दिया गया था। अब पुन: इसके नाम में परिवर्तन कर नए सिरे से गुरुजी किचन योजना के रूप में चलाया जाएगा। 

झारखंड गुरूजी किचन योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन जेएमएम राजनितिक पार्टी के समर्थक थे, वे गुरूजी के नाम से काफी लोकप्रिय थे। उन्हीं के नाम पर हेमंत सोरेन द्वारा गुरूजी किचन योजना का नामकरण किया गया है। दाल-भात योजना के अंतर्गत बने सेंटर पर दिहाड़ी मजदूरों, हाथ ठेला चालक, रिक्शा चालक समेत अन्य श्रमिकों को चावल, दाल, सब्जियां, सोयाबड़ी खिलाई जाती है। वहीं गुरुजी किचन योजना को भोजन की गुणवत्ता और साफ-सफाई को सुधारने के उद्देश्य से शुरू किया है।

योजना का लाभ

  • गुरूजी किचन योजना (Guruji Kitchen Yojana Jharkhand) के माध्यम से गरीबों को मात्र 5 रुपए में पोषणाहार दिया जाएगा।
  • झारखंड के 24 जिलों में कुल 350 से ज्यादा दाल-भात केंद्र हैं। गुरूजी किचन योजना के अंतर्गत इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा।
  • राज्य में भुखमरी की वजह से हो रही मृत्यु में कमी आएगी।
  • गरीबों को भोजन बनाकर देने वाले सेल्फ हेल्प ग्रुप को सरकार 1 रुपए किलो के दाम पर अनाज भेजती है।
  • योजना के शुरुआती चरण के लिए 70 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।

झारखंड राज्य में गरीबों के लिए योजना

गुरूजी किचन योजना के अलावा भी झारखंड राज्य में गरीबों हेतु कई योजनाएं चलाई जाती हैं। राज्य में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना भी संचालित है। इस योजना के माध्यम से गरीबों को 5 रुपए में भारत पेट खाना दिया जाता है। वर्ष 2020 में आई महामारी के समय यह योजना मजदूरों और गरीबों के लिए संजीवनी साबित हुई थी। नियमों का पालन करते हुए राज्य के जरूरतमंद लोगों तक पैकेट के माध्यम से खाना पहुंचाया गया था। राज्य में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना से जुड़े जितने भी केंद्र हैं सभी ने दिहाड़ी मजदूरों और अन्य जरुरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुँचाने में अपना पूर्ण सहयोग किया। जिन लोगों के पास देने के लिए 5 रुपए भी नहीं थे उन्हें भी भोजन के पैकेट दिए गए थे। झारखंड में इस समय 350 से भी ज्यादा दाल-भात केंद्र बने हुए हैं।

इसके अलावा झारखंड के गरीब परिवारों को पात्र गृहस्थ योजना और अंत्योदय अन्न योजना का लाभ भी दिया जाता है। पात्र गृहस्थ योजना के अंतर्गत लाभार्थी को पांच किलो प्रति सदस्य हेतु अनाज 1 रुपए की दर से दिया जाता है। वहीँ अंत्योदय अन्न योजना के माध्यम से लाभार्थी परिवार को 35 किलो राशन प्रति परिवार एक रुपये की दर से दिया जाता है। अनाज के अलावा हर माह एक किलो चीनी और रिफाइंड आयोडिनयुक्त नमक भी बेहद कम दाम उपलब्ध करवाया जाता है। इन दोनों योजनाओं के अलावा विशिष्ट जनजाति डाकिया योजना भी राज्य की गरीब जनजाति का पेट भरती है। योजना के माध्यम से 35 किलो चावल का पैकेट लाभार्थी जनजाति परिवार के घर जाकर फ्री में दिया जाता है।

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