दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना क्या है, जानें डीडीआरएस की पूरी जानकारी
Deendayal Viklang Punarvas Yojana: देश में केंद्र सरकार के द्वारा महिला, किसान और गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजना बनाई गई हैं। विकलांगों के हित में भी सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकलांगों को दिव्यांग नाम दिया गया था। इन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी केंद्र सरकार कईं कल्याणकारी योजना बनाती है। इन्हीं में से एक योजना है पंडित दीनदयाल उपाध्याय विकलांग पुनर्वास योजना, जिसे दिव्यांगों के सशक्तिकरण हेतु तैयार किया गया है। दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना क्या है, इसके क्या लाभ और उद्देश्य हैं, कैसे दिव्यांग आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
Deendayal Viklang Punarvas Yojana Detail in Hindi
योजना का नाम | दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना |
योजना का प्रकार | केंद्रीय योजना |
योजना की शुरुआत | वर्ष 1999 |
लाभ | दिव्यांगों को सुविधा देने हेतु NGO को अनुदान |
लाभार्थी | सभी दिव्यांग |
अधिकारिक वेबसाइट (Official website) | जानकारी नहीं है |

दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना क्या है?
दिव्यांगों के सशक्तिकरण हेतु योजना की शुरुआत वर्ष 1999 में की गई थी, जिसे बाद 1 अप्रैल 2018 को दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना का संशोधन किया गया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की द्वारा इस योजना का संचालन किया जाता है। योजना के अंतर्गत सरकार दिव्यंगों के लिए शिक्षा, पुनर्वास व अन्य कार्य करने वाले स्वसहायता समूहों (NGO) को धनराशि प्रदान करती है। दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना की जागरूकता के लिए समय-समय पर सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता है।
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योजना का उद्देश्य
Deendayal Disabled Rehabilitation Scheme को समाज में दिव्यंगों की स्थिति को सुधारने हेतु शुरू किया गया था। योजना का मुख्य उद्देश्य विकलांगों को अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन और उन्हें समाज में सम्मान दिलाना है। योजना के अंतर्गत स्वसहायता समूहों (NGOs) बच्चों की विकलांगता की पहचान करते हैं और फिर उसके अनुरूप प्रशिक्षण और सहायता दी जाती है। दिव्यांग सही ढ़ंग से अपना जीवनयापन कर सके, उसके लिए उन्हें तैयार किया जाता है। इससे वह जीवन में आने वाली परेशानियों का सामना करने हेतु सक्षम बन जाते हैं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय दिव्यांग कल्याणकारी योजना का लाभ
- Deendayal Viklang Punarvas Yojana के लिए 90 प्रतिशत तक का अनुदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है।
- केंद्र सरकार दिन्यांगों को हर जरूरी सुविधा देने के लिए राज्य सरकारों और जिला अधिकारियों की मदद से फंड को स्वसहायता समूहों (NGO) तक पहुंचाती हैं।
- दिव्यांगों के कल्याण हेतु हर वर्ष 600 से भी ज्यादा स्वसहायता समूहों (NGO) के लिए अनुदान दिया जाता है।
- स्वसहायता समूहों (NGO) द्वारा विकलांगों को अच्छी शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधा भी प्रदान की जाती है।
- आस-पास के क्षेत्र में विकलांगों की पहचान कर उन्हें सुविध दी जाती है और सरकार के समक्ष डाटा एकत्रित कर पेश किया जाता है।
- व्यवसाय और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं, इसके लिए उन्हें लोन भी मुहैया करवाया जाता है।
- प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफ़ान में फंसे विकलांगों को सुरक्षित निकालना।
- बस, ट्रेन टिकट की व्यवस्था करवाना।
- दिव्यांग के परिवार को सही सलाह देना, जैसी आदि सुविधा NGO द्वारा दी जाती है।
- हर वर्ष 35 हजार से 40 हजार से अधिक लाभार्थियों को इन सेवाओं का लाभ दिया जाता है।
कौन से स्वसहायता समूहों (NGO) को मिलता है फंड?
किन स्वसहायता समूहों (NGO) को दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना के अंतर्गत फंड प्राप्त होगा इसके लिए पात्रता निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री की विकलांग योजना के तहत कार्य करने के लिए स्वसहायता समूह कम से कम 2 वर्ष से कार्यरत हो। NGO की वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए। संगठन के पास कार्यक्रम चलाने के लिए सुविधायें और अनुभव होना आवश्यक है। इसके अलावा जिला समाज कल्याण अधिकारी और राज्य सरकार से सिफारिश की आवश्यकता होती है।
दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना आवेदन प्रक्रिया
- जो भी NGO इस योजना का लाभार्थी बनने हेतु आवेदन करना चाहता है वह सबसे पहले राज्य सरकार के संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी के सामने इसका प्रस्ताव रखेगा।
- संगठन/संस्थान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से नामित राज्य आयुक्तों, राष्ट्रीय संस्थानों से भी संपर्क कर सकता है।
- यहाँ जरूरी औपचारिकतायें पूर्ण करने के पश्चात जिला समाज कल्याण अधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट के साथ प्रस्ताव को संबंधित राज्य सरकार के पास भेज देती है।
- इसके बाद उस राज्य सरकार से सम्बंधित राज्य स्तरीय बहु-विषयक अनुदान सहायता समिति को अनुमोदन कर दिए जाने के बाद इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाता है।
- अनुदान सहायता के लिए गैर-सरकारी संगठनों द्वारा सभी आवेदन पत्र ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से मंत्रालय की वेबसाइट पर आमंत्रित किये जाते हैं।
स्त्रोत : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार
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